कोकोपीट, जिसे कोयर पीट, कोयर डस्ट या नारियल के रेशों से बनी मिट्टी भी कहा जाता है, एक प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल माध्यम है।

आधुनिक कृषि, नर्सरी, हाइड्रोपोनिक्स और बागवानी में इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है।

कोकोपीट नारियल के खोल से प्राप्त जैविक पदार्थ है, जिसमें मिट्टी की तरह नमी बनाए रखने की क्षमता होती है। हालांकि, यह मिट्टी की तुलना में हल्का, साफ-सुथरा और अधिक समय तक टिकाऊ होता है।

कोकोपीट अपने वजन से 8 से 10 गुना अधिक पानी सोख सकता है।

यह प्राकृतिक, पर्यावरण मित्र तत्वों से बना होता है और पूरी तरह से रासायन-मुक्त होता है।

यह माध्यम हल्का और भुरभुरा होने के कारण पौधों की जड़ों को आसानी से साँस लेने में मदद करता है, जिससे जड़ों की वृद्धि बेहतर होती है।

कोकोपीट का pH स्तर 5.5 से 6.8 के बीच होता है, जो अधिकतर पौधों के लिए उपयुक्त माना जाता है।

कोकोपीट बिना मिट्टी की खेती, अर्थात हाइड्रोपोनिक खेती के लिए विशेष रूप से उपयोगी होता है।

घरेलू किचन गार्डनिंग में, यदि इसे मिट्टी के साथ मिलाकर उपयोग किया जाए, तो बेहतर उत्पादन प्राप्त होता है।

कम्पोस्टिंग में भी नमी का स्तर संतुलित रखने के लिए कोकोपीट का उपयोग किया जाता है।

यह माध्यम लंबे समय तक टिकाऊ होता है और कई महीनों या वर्षों तक उपयोग में लाया जा सकता है।

कोकोपीट का सही उपयोग और उचित प्रकार के खाद के साथ इसका मिश्रण, मिट्टी की तुलना में अधिक लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

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